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इन दिनों बाजारों में बड़ी रौनक है | हो भी क्यूँ न दीपावली का तयौहर जो है | कहीं रंगरौगन का काम चल रहा है तो कहीं खरीददारी घर को नायब तरीके से सजाने के लिए | बाज़ार सामानों से अटा पड़ा है | बाज़ार चले जाओ तो आप को इतनी वेरायटी मिल जाएगी की आप कन्फ्युजा जायेंगे की बेहतर क्या है | दिल खोल कर अपनी दिवाली को खुबसुरत और खास बनाने की जुगत भिडाई जा रही है | दिवाली का जो मजा था सब खत्म हो चूका है अब तो दिवाली दिवाला निकलने के लिए आती प्रतीत होती है पहले की दिवाली याद की जाये तो उसमे सच में रौशनी का त्यौहार का जो मजा था वो अब नहीं रहा | हम पे बाजारवाद हावी हो चूका है | दिखावा भी शामिल है उसके घर में मेरे घर से ज्यादा रौशनी कैसे अरे वाह नया फर्नीचर हम भी ले आयेंगे वैसे भी अब तो सिक्स्थ पे कमीशन लग गया है भाई चिंता किस बात की
चिंता से याद आया मिठाई कहाँ से ली जाये अरे फिर से दिवाली ने जायका बिगाड़ दिया पिछले बार ही तो कितनी खबर आई थी मिलावट की और खुद भी पिछली बार कितनी तबियत खराब हो गयी थी मिठाई खाने से “हम तो मावे के जले हुए है पेठा भी फूंक फूंक कर खाते है” इस बार फिर से समझ नहीं आ रहा है बिना मिटाई के लक्ष्मी जी को मनाये कैसे उन्हें भोग लगाये कैसे ये सरकार ना कुछ करती नहीं है सरकार ना निक्कमी है एक दम निक्कमी
सरकार से याद आया हमारे कॉमन वेल्थ गेम में तो सरकार ने चांदी काटी खिलाडियों ने सोना बटोरा और अब धन वर्षा केन्द्र सरकार, राज्य सरकार, गेम एसोसिएशन, बहुत सारी कंपनी आह हम को तो घर वालो ने कहा था पढोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे ख़राब
हम तो पछता रहे है साथ में उनको भी पछतावा हो रहा होगा क्यूँ नहीं खेलने दिया | …….. हद हो गयी रहने दीजिये अब इन दुखों को अब पछतावे होत क्या जब चिड़िया चुग गयी खेत
खेत से याद आया इस बार की बारिश ने खूब खेती बाड़ी बर्बाद कर दी | कभी सूखे से अकाल की मार झेलो, अब बारिश से बर्बाद खेतो के हाल देखो | सुना है सरकार ने बाढ पीडितो के लिए राज्य सरकार को खूब धन राशी दी है मगर बाढ़ पीड़ित जगहों पर तो लिखा है कार्य प्रगति में है अरे दिवाली के बाद ही कुछ हो पायेगा पता नहीं आप को खैर पता भी कैसे हो ये अन्दर की बात जो है अरे नहीं लक्स कोजी वाला नहीं रे सच वाली अन्दर की बात है अब दिवाली नजदीक है तो केन्द्र सरकार के पैसो से दिवाली मनाई जागेगी तब जाके कार्य प्रगति करेगा अरे ये क्या आप गलत सोचने लगे अब हमारी सरकार इतनी भी बुरी नहीं लक्ष्मी माँ को खुश करेंगे वो खुश हुई तो धन की वर्षा निश्चित है अब धनवर्षा हुई तो भारत वर्ष की तरक्की निश्चित है इसी लिए थोडा सा इंतजार कर लीजिए
इंतजार से याद आया बड़े लम्बे इंतजार के बाद क्रिकेट देखने में मजा आ गया मगर सुना है मजे तो रैना साहब कर रहे थे पता नहीं कितनी सच्चाई है इस बात में जल्द ही अपने दहशत चेनल वाले बता देंगे अरे अरे इतना मत सोचिये कोई नया चेनल लोंच नहीं हुआ है ये चेनल तो पुराना वाला है रे बाबा वो ही जिसको देख कर मुझे हौरार शो से ज्यादा डर लगता है चेन से सोना है तो जाग जाओ वाला जी सही पहचाने वही वाले को हम दहशत चेनल बोल रहे है तो कहाँ थे हम हाँ तो चेनल वाले जल्द ही पूरी रिपोर्ट के साथ आप को गर्मागर्म खबर से रूबरू करा देंगे
खबरों से याद आया आज कल अरुंधती बहुत अनापशनाप बोल रही है मुझे तो लगता है दिवाली का टाइम है किसी ने जादू टोना कर दिया है हो न हो ये मुशरफ़ का किया धरा हों
“कर दिया बेचारी पे टोना, रो रही है वो कश्मीर का रोना”
वाह वाह क्या तुकबंदी जोड़ा है सभी से दाद चाहूंगी |
वैसे आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाये ये दिवाली आप के जीवन में रोशनी और मीठी मीठी खुशियाँ लाये
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