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बक़ौल ग़ालिब..

पहचान
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एक ब्राहमण ने कहा है कि ये साल अच्छा है

ज़ुल्म की रात बहुत जल्दी ढलेगी अब तो
आग चूल्हों में हर एक रोज जलेगी अब तो

भूख के मारे कोई बच्चा नहीं रोयेगा
चैन की नींद हर एक शक्स यहाँ सोयेगा

आंधी नफरत की चलेगी न कहीं अब के बरस
प्यार की फसल उगाएगी ज़मीं अब के बरस

है यकीं अब न कोई शोर शराबा होगा
ज़ुल्म होगा न कहीं खून ख़राबा होगा

ओस और धूप के सदमे न सहेगा कोई
अब मेरे देश में बेघर न रहेगा कोई

नए वादों का जो डाला है वो जाल अच्छा है
रहनुमाओं ने कहा है की ये साल अच्छा है

दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है
दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है

काश ऐसा ही हो मगर हकीकत हम सभी जानते है फिर  भी दिल को खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है | कहते है दुआओं में बहुत असर होता है  हम सभी मिल के ये दुआ करे की ये साल सभी देशवासियों के लिए अच्छा हो , खुशहाली और समृधि हर तरफ हो | आमीन  🙂

आप सभी को नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाये, आने वाला हर दिन हर पल आप सभी के लिए खुशियों भरा हो इसी कामना के साथ

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